What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
लिङ्गाष्टकम्
Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with love and devotion, enjoys content joy and spiritual bliss In this particular earth and hereafter ascends into the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर Shiv chaisa ललित अनुपा॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
अस्तुति more info चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥